सुकून कि बाहों में दो रूहें सिमट जाएगी... सुकून कि बाहों में दो रूहें सिमट जाएगी...
प्यार क्या है ये मैं कभी समझ ना पाया... प्यार क्या है ये मैं कभी समझ ना पाया...
उठा फावङ़ा, नाप धरा को खुद को कर तैयार। उठा फावङ़ा, नाप धरा को खुद को कर तैयार।
वो एक तन्हा इस गगन में, तुझ जैसा और कौन? हरियाली है चारो तरफ़ पर, तुझसे सुना और कौ वो एक तन्हा इस गगन में, तुझ जैसा और कौन? हरियाली है चारो तरफ़ पर, तुझ...
भई मैंं दिवान। भई मैंं दिवान।
कुछ अलफ़ाज़ ज़िन्दगी के नाम कुछ अलफ़ाज़ ज़िन्दगी के नाम